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जीना भी क्या है जीना



स्वर:- पवन सिंह

जीना भी क्या है जीना हो....। तोहरा बिना

जीना भी क्या है जीना है....।तोहरा बिना


सूना बा सारा जहां तोहरा बिना

जीना भी क्या है जीना है....।तोहरा बिना

जीना भी क्या है जीना हो....। तोहरा बिना


(जिंदगी के मोड़ पर तू दगा काहे दे गइलू)2

(सब सुख चैन अपना संग ही ले गईलु)2


दिलवा के बात कहा कैसे कही होके अकेले हम कैसे रहीं।


(जीना भी क्या है जीना हो....। तोहरा बिना)2


(कई के ता कारेजा पत्थर मन के मनाई रे।)2

(साथ रहलका कबहूं भूल नहीं पाई रे)2


कवना गुनाह के सजाई दिहलू जिया तारे जान तु मुवाई दिलहू।


जीना भी क्या है जीना है....।तोहरा बिना

जीना भी क्या है जीना हो....। तोहरा बिना


(रोवा रोवा देह के त तोहके के दुआ देला।)2

 आ (रोई रोई दिल हरदम ईहे कहेला।)2


 फुल वन फुलाइल रहा फुलवारी में

 खुश रहा दोसरा केतु अखबारी में


जीना भी क्या है जीना है....।तोहरा बिना

जीना भी क्या है जीना हो....। तोहरा बिना


सूना बा सारा जहां तोहरा बिना।


जीना भी क्या है जीना है....।तोहरा बिना

जीना भी क्या है जीना हो....। तोहरा बिना

जीना भी क्या है जीना है....।तोहरा बिना

तोहरा बिना।तोहरा बिना।तोहरा बिना....।

 

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